December 11, 2023
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कोरोना महामारी से अब तक दुनिया उबर भी नहीं पाई थी कि एक और वायरस ने दुनिया में दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टि भी कर दी है और बताया है कि ये कितना ज्यादा खतरनाक है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद 88 फीसदी मौत पक्की हो जाती है. इसके अलावा ये इतना ज्यादा संक्रामक है कि मरीज़ को क्वारंटाइन करना बेहद ज़रूरी हो जाता है.

कोरोना वायरस की तबाही पूरी दुनिया ने झेली है. अब उससे भी ज्यादा खतरनाक और संक्रामक वायरस पूरी दुनिया को डरा रहा है. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन के होश भी इस वायरस ने उड़ा रखे हैं. WHO ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है क्योंकि वायरस (Marburg Virus) 9 लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. अफ्रीका में ये वायरस फिलहाल गिनी में पाया गया है, जो लोगों को तेज़ी से प्रभावित कर रहा है.

चमगादड़ों से पैदा हुआ मारबर्ग वायरस

इस वायरस का नाम मारबर्ग है और इसके लक्षण काफी कुछ इबोला वायरस से मिलते-जुलते हैं. पहले भी अफ्रीका में इबोला वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ों के ज़रिये हुई थी और एक बार फिर से चमगादड़ों से ही मारबर्ग वायरस का जन्म हुआ है. ये इतना ज्यादा संक्रामक है कि वायरस के शिकार व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आते ही ये फैल जाता है. इसके लक्षणों में दस्त, तेज़ बुखार, खून की उल्टी, सिरदर्द शामिल है. इसका सबसे खतरनाक लक्षण मल, नाक-मसूढ़ों के ज़रिये निकलने वाला ब्लड है. यही ब्लीडिंग मरीज़ को मौत के मुहाने तक पहुंचाती है.

अब तक नहीं है कोई दवा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि वायरस फ्रूट बैट्स के ज़रिये फैला है और ये इंसान से इंसान में तेज़ी से फैलता है. ये सिर्फ बॉडी फ्लुइड से ही नहीं बल्कि इस्तेमाल किए गए सरफेस और चीज़ों से भी फैल जाता है. अब तक इस वायरस का न तो कोई ट्रीटमेंट पता चल सका है और न ही कोई वैक्सीन है. ऐसे में ये अगर अफ्रीका से निकलकर दूसरे देशों तक पहुंचा तो नतीजे कोरोना की ही तरह भयावह हो सकते हैं. चूंकि पहले ही इबोला वायरस का खौफनाक रूप अफ्रीका और यूरोपीय देशों तक देखा जा चुका है, ऐसे में WHO का घबराना भी जायज़ है.

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