
कांग्रेस ने मंगलवार को दिल्ली में आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के लिए नई श्रेणी है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके उपमुख्यमंत्री को भारत रत्न मिलना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केजरीवाल एंड कंपनी ने बहुत कम समय में ईमानदारी और पारदर्शिता से भ्रष्टाचार की दूरी तय की है। आप संयोजक से पूछा कि वह अपने दागी मंत्रियों को क्यों नहीं बर्खास्त कर रहे हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने यहां एआईसीसी मुख्यालय में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा पहली प्राथमिकी में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नंबर एक भ्रष्ट के रूप में मान्यता दी गई है और यह आप का प्रमाण पत्र है। कट्टर ईमानदारी
अरविंद केजरीवाल की पार्टी द्वारा पंजाब में सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से कांग्रेस आप पर लगातार निशाना साध रही है। चुनाव वाले राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी अपनी पैठ बनाने की धमकी दे रही है। जहां अब तक भाजपा और कांग्रेस का राजनीतिक परिदृश्य पर दबदबा रहा है। दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें आप ने जीत हासिल की थी।
चौधरी ने केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जिन्होंने अपनी पूर्ववर्ती और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित की आबकारी नीति पर सवाल उठाया था। अपनी नीति पर लौट आई हैं और इसे सही पाया है। उन्होंने पूछा, ‘क्या शीला दीक्षित जी की नीतियों पर सवाल उठाने वाले आज उनसे माफी मांगेंगे।’ चौधरी ने कहा कि अगर एक नई श्रेणी शुरू की जाती है, जिसकी संभावना नहीं है। तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार की श्रेणी में ‘भारत रत्न’ मिलना चाहिए।’
वह केजरीवाल की हालिया टिप्पणी पर कटाक्ष कर रहे थे कि सिसोदिया स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए भारत रत्न के हकदार हैं। लेकिन राजनीतिक कारणों से केंद्र द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली के लोग कोरोना काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड के लिए संघर्ष कर रहे थे। केजरीवाल शराब माफिया के साथ मिलकर शराब नीति पर काम कर रहे थे। उन्होंने पूछा, ‘बीजेपी के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच क्या डील हुई थी कि यह शराब नीति पास हो गई।
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि आप को लोगों को यह समझाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए कि उनकी शराब नीति सही है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘अगर यह सही है, तो वे सीबीआई जांच की खबर से क्यों डर गए? उन्हें उस नीति को वापस क्यों लेना पड़ा, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि दिल्ली का राजस्व अधिशेष बनाने में फायदेमंद है।