

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह अपने कॅरिअर के दौरान अकसर चर्चा व विवादों में रहे हैं। किक्रेट के संन्यास लेकर राजनीति में कदम रखने वाले भज्जी बेशक राज्यसभा सांसद बन चुके हैं, लेकिन पंजाब के तमाम संगीन मुद्दों में उनकी अनुपस्थिति आंखों में खटक रही है। यहां तक कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद शोक व्यक्त करने उनके परिवार के पास तक नहीं गए। पंजाब में गैंगस्टरों ने खून खराबा कर दिया हो या उनके निवास से महज 30 मिनट की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियां की हत्या की वारदात हो, भज्जी शोक व्यक्त करने तक नहीं पहुंचे।

17 मार्च को आप ने भज्जी को बतौर राज्यसभा प्रत्याशी घोषित किया था। सांसद चुने जाने के बाद हरभजन ने ट्वीट कर बताया था कि वे अपनी सैलरी किसानों की बेटियों की पढ़ाई के लिए देंगे, जिससे पंजाब के युवाओं को उम्मीद थी कि भज्जी पंजाब के लोगों का दिल जीत रहे हैं। भज्जी ने ट्वीट किया था कि बतौर राज्यसभा सदस्य मैं किसानों की बेटियों की पढ़ाई और सामाजिक कार्यों के लिए अपनी सैलरी देना चाहता हूं। मैं अपने देश के लिए योगदान देना चाहता हूं और वह सब कुछ करूंगा, जो कर सकता हूं। इसके बाद भज्जी ने खूब वाहवाही बटोरी थी, लेकिन तब से लोगों के बीच नहीं पहुंचे हैं। भज्जी ने ट्वीट कर सिद्धू मूसेवाला पर दुख व्यक्त किया, लेकिन परिवार के पास जाकर हौसला बढ़ाना मुनासिब नहीं समझा।
आईपीएल में गुजरात की जीत के बाद हरभजन सिंह ने एक ट्वीट किया था, इसमें उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाड़ियों को बधाई दी थी। जिसको लेकर भज्जी की सोशल मीडिया पर खासी अलोचना भी हुई। 29 मई को जिस दिन सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर पूरा पंजाब शोक में था, भज्जी ने उसी दिन गुजरात टाइटंस की जीत पर बधाई दी और नेहरा से पार्टी भी मांगी और लिखा कि गरबा के साथ भंगड़ा भी होगा। जिसे लेकर पंजाब के युवाओं ने भज्जी को खासा ट्रोल किया और यहां तक लिखा कि पूरा पंजाब रो रहा है और तुमको पार्टी की सूझ रही है।
पंजाब में कई सनसनीखेज वारदात हो गईं, जिसमें मोहाली में खुफिया विभाग के कार्यालय पर रॉकेट लांचर से हमला किया गया। संदीप नंगल अंबियां की हत्या हुई, इसके अलावा कई हत्याएं लगातार हुईं, लेकिन भज्जी ने शोक व्यक्त नहीं किया। चंडीगढ़ के मुलाजिमों को केंद्रीय शासन के अधीन लाने का मामला हो या पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ का मुद्दा हो, भज्जी ने ट्वीट तक नहीं किया है। यहां तक कि संगरूर के लोकसभा उपचुनाव से भी भज्जी दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और सीएम भगवंत मान ने उपचुनाव में आप प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं, लेकिन भज्जी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।